रंग-रंग के पंखों वाली,
भागी-भागी, आती-जाती,
फूलों पर और डाली-डाली।
न तो पूछे, न तो बताती,
क्या तू पिये, क्या तू खाती?
घूमे बस यूँ ही बलखाती।
जब हम भागें तेरे पीछे,
तू ऊपर और ऊपर दीखे,
तुझे पकड़ना कैसे सीखॆं?
तेरे घर का पता हैक्या?,
कब जागे तू बता तो आ,
करले दोस्ती अब न सता
भागी-भागी, आती-जाती,
फूलों पर और डाली-डाली।
न तो पूछे, न तो बताती,
क्या तू पिये, क्या तू खाती?
घूमे बस यूँ ही बलखाती।
जब हम भागें तेरे पीछे,
तू ऊपर और ऊपर दीखे,
तुझे पकड़ना कैसे सीखॆं?
तेरे घर का पता हैक्या?,
कब जागे तू बता तो आ,
करले दोस्ती अब न सता
1 comment:
bhut badhiya. jari rhe.
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