नया साल सबके लिए खुशहाली लेकर आए। सर्वत्र सुख-शांति हो।
कुछ शब्द प्रस्तुत हैं-
प्यार हो, प्यार हो ,
बस प्यार हो,
हर किसी में अपार हो।
ना रहे कोई वँचित,
ना रखे कोई सँचित,
यह तो खर्च हर बार हो।
प्यार हो प्यार हो,
बस प्यार हो।
धनी तो प्यार के सभी होंगे,
शायद ही ग़रीबी की रेखा के नीचे होंगे,
खर्च पर समान हो,
प्यार हो, प्यार हो,
बस प्यार हो।
धर्म आड़े ना आएँ,
संप्रदाय बाड़े ना लगाएँ,
ना हों वैमनस्य की मेढ़ें बनीं,
ना हों ईर्ष्या-जलन की दीवारें खड़ीं,
बस सरल मैदान हो,
प्यार हो, प्यार हो,
बस प्यार हो।
ना भय किसी में हो,
ना भय किसी से हो,
बस निश्छल मन हो,
भरा गुणों से जन हो,
सभी में ये भाव हो,
प्यार हो, प्यार हो,
बस प्यार हो।
हो एक ही धर्म मानवता,
सबका एक ही कर्म पालन का।
सभी में हो रसिकता,
जो बने सभी की मोहकता,
अपनत्व की बौछार हो,
प्यार हो, प्यार हो,
बस प्यार हो।