कदम्ब छांव।
मारे होली के दांव।
ब्रज के गांव॥
नंद-यशोदा।
लाए होरी कौ सौदा।
कान्हा है मोदा॥
हे ग्वाल-बाल!
बजाओ ढ़प ताल!!!
मचे धमाल॥
कान्हा कौ सखा।
दामा दाऊ ने लखा।
भागा वो झखा॥
रंग ले भागे।
कान्हा के दामा आगे।
अब ना लागे॥
दाऊ आओ तो!
याकू रगड़ो पोतो!
जो भागे रोतो॥
कृष्ण-सुदामा!
ह्वै रहयो हंगामा!
दाऊ श्रीदामा॥
Monday, March 09, 2009
Sunday, March 08, 2009
होली
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