Friday, September 05, 2008

तितली


रंग-रंग के पंखों वाली,
भागी-भागी, आती-जाती,
फूलों पर और डाली-डाली।
न तो पूछे, न तो बताती
,
क्या तू पिये, क्या तू खाती?
घूमे बस यूँ ही बलखाती।
जब हम भागें तेरे पीछे,
तू ऊपर और ऊपर दीखे,
तुझे पकड़ना कैसे सीखॆं?
तेरे घर का पता हैक्या?,
कब जागे तू बता तो आ,
करले दोस्ती अब न सता

1 comment:

Advocate Rashmi saurana said...

bhut badhiya. jari rhe.

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