प्रेमलता जी सादर प्रणाम। ***********************************At गुरुवार, जुलाई १३, २००६ १२:०६:३६ अपराह्न, MAN KI BAAT said... गीता जी के अनुसार 'युद्ध किससे है, कितना बूता है' यह जानकर ही अग्रेषित होना चाहिए। -प्रेमलता पांडे *********************************** उपर्युक्त टिप्पणी से आपका आशय मै नही समझ सका, कृपया स्पष्ट करें। आपका ई मेल पता उपलब्ध न होने के कारण यह अवांछित टिप्पणी करनी पड़ रही है। धन्यवाद।
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प्रेमलता जी सादर प्रणाम।
***********************************At गुरुवार, जुलाई १३, २००६ १२:०६:३६ अपराह्न, MAN KI BAAT said...
गीता जी के अनुसार 'युद्ध किससे है, कितना बूता है' यह जानकर ही अग्रेषित होना चाहिए।
-प्रेमलता पांडे
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उपर्युक्त टिप्पणी से आपका आशय मै नही समझ सका, कृपया स्पष्ट करें।
आपका ई मेल पता उपलब्ध न होने के कारण यह अवांछित टिप्पणी करनी पड़ रही है।
धन्यवाद।
मिश्र जी अपना उत्तर उसी श्लोक की टिप्पणी में लिख रही हूँ।
-प्रेमलता
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